“भारत केवल हिंदुओं का देश नहीं है। यह मुसलमानों, ईसाइयों और पारसियों का भी देश है। देश तभी ताकत हासिल कर सकता है और खुद को विकसित कर सकता है जब भारत में विभिन्न समुदायों के लोग आपसी सद्भाव और सद्भाव में रहते हैं। यह मेरी हार्दिक आशा और प्रार्थना है कि जीवन और प्रकाश का यह केंद्र जो अस्तित्व में आ रहा है, ऐसे छात्र पैदा करेगा जो न केवल बौद्धिक रूप से दुनिया के अन्य हिस्सों में अपने साथी छात्रों के सर्वश्रेष्ठ के बराबर होंगे, बल्कि एक जीवित भी रहेंगे महान जीवन, अपने देश से प्यार करो और सर्वोच्च शासक के प्रति वफादार रहो। – Mahamana Pt. Madan Mohan Malviya
कोविड -19 के बढ़ते प्रभाव के चलते विश्वविद्यालय के सभी क्लासेज ऑनलाइन मोड में संचालित किये जा रहे थे उसके बाद बच्चों के द्वारा काफी प्रोटेस्ट के केवल अंतीम वर्ष के विद्यार्थीयों के लिए खोला गया और हॉस्टल भी सिंगल रूम अलॉट किया गया था।
अब जो काफी दिनों से बच्चें ये मांग कर रहे थे की सभी के लिए विश्वविद्यालय को खोला जाए जीसके बाद से विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपना ये कदम उठाया हैं और प्रथम वर्ष के विद्यार्थीयों को छोड़ कर लगभग सभी कक्षायें ऑफ लाइन मोड में संचालित किया जायेगा।
#काशी_हिन्दू_विश्वविद्यालय को तत्काल प्रभाव से पीएचडी के सभी छात्रों के लिए ऑफलाइन खोला जा रहा है। साथ ही साथ चिकित्सा विज्ञान संस्थान की सभी कक्षाएं भी ऑफलाइन मोड में संचालित की जाएंगी।
21 फरवरी से विश्वविद्यालय को काफी दिनों बाद खोला जायेगा।

प्रथम वर्ष को छोड़कर सभी कक्षायें ऑफलाइन मोड में संचालित की जाएंगी।

विज्ञान संस्थान, कला संकाय, सामाजिक विज्ञान संकाय, विधि संकाय, मंच कला संकाय, दृश्य कला संकाय, वाणिज्य संकाय, संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय एवं महिला महाविद्यालय में प्रथम वर्ष को छोड़ कर सभी कक्षाएं ऑफलाइन मोड में संचालित की जाएंगी।
प्रथम वर्ष के विद्यार्थीयों के लिए भी समयानुसार खोला जायेगा।
फिलहाल इन संस्थानों/संकायों में प्रथम वर्ष की कक्षाएं ऑनलाइन मोड में ही संचालित होंगी। समय के अनुसार स्थिति की समीक्षा के आधार पर कक्षाओं के संचालन व परीक्षाओं के बारे में निर्णय लिया जाएगा। छात्रावासों का आवंटन डबल ऑक्यूपेंसी के आधार पर उपलब्धता के अनुसार किया जाएगा।